डेब सॉक – अखिलेश
किसी भी समाज के विकास के लिए वाद-विवाद से बेहतर विकल्प शायद ही कुछ और है। बिट्स पिलानी की डिबेटिंग सोसाइटी भी आगामी ओएसिस में अपने अंदाज़ में यही मकसद पूरा करती दिखाई देगी। समन्वयक अखिलेश सुधाकर ने हिंदी प्रेस क्लब से हुए साक्षात्कार में बताया कि ओएसिस में पिछली बार की तुलना में ज़्यादा कॉलेजों की टीमें आमंत्रित की गई हैं। उनके द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में कई दौर होंगे जिनमें दो सदस्यों की जोड़ी में भाग लिया जा सकता है। प्रतियोगिता के विश्लेषक काफी अनुभवी संवादक हैं जो कि निष्पक्ष भाव से निरीक्षण करेंगे। संघ के प्रथम वर्ष के छात्रों को प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी सौंपी गई थी जिसके कारण प्रतिभागियों की संख्या में बढ़ोतरी संभव हो पाई है। उन्होंने बताया कि दिल्ली, जयपुर, बेंगलुरू तथा देहरादून से प्रतिभागियों को फोन, मेल, पोस्टर इत्यादि के द्वारा संपर्क किया गया है और प्रचार सफल होने से दर्शकों की संख्या में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। जोड़ियों को वाद-विवाद का विषय कुछ समय पूर्व बताया जाएगा तथा अंतिम दौर तक दर्शक कांटे की टक्कर की उम्मीद रख सकते हैं। उनकी 30 सदस्यों की टीम में करीब 13 प्रथम वर्षीय तथा 13 द्वितीय वर्षीय हैं। उनके अनुसार उन्हें समय और जगह दोनों ही आवश्यकतानुसार प्राप्त नहीं हो पाई हैं जिससे अपने कार्यक्रम को संतुष्टिपूर्वक करवा पाना एक चिंता का विषय बना हुआ है। वार्तालाप के अंत में उन्होंने यह सन्देश दिया कि अपनी वाद-विवाद की क्षमता को पहचानने तथा उभारने के लिए यह एक अनुकूल मंच है और उन्हें उम्मीद है कि सभी इस अवसर का लाभ अवश्य उठाएँगे।