नवरात्रि के शंखनाद के साथ ही पूरा देश डांडिया और गरबा-रास के पारंपरिक गीतों से गूँज उठता है। रंग -बिरंगी पोशाकों, ढोल की ताल, अम्बे माँ के जयकारों और स्वादिष्ट गुजराती व्यंजन के अद्भुत संगम से वातावरण रसमय हो जाता है। इसी निराले त्यौहार को बिट्स पिलानी में गुजराती छात्रों के संघ 'गुर्जरी' ने अद्भुत ढंग से रोटून्डा में मनाया।
17 अक्टूबर, शनिवार को आयोजित 'डांडिया नाइट' में अत्याधिक संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे तथा हर्षोल्लास से इस पर्व को एक दूसरे के संग, परिवार की भाँति मना रहे थे। शुरुआत गरबा-रास से की गयी। पारंपरिक नृत्य 'गरबा' अम्बे माँ के प्रति श्रद्धा पूर्ण समर्पण का प्रतीक है एवं प्रायः परिक्रमा के रूप में किया जाता है। इसके ठीक बाद संघ के द्वारा एक नृत्य कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसने दर्शकों का मन मोह लिया तथा समस्त प्रांगण में हर्ष की लहर दौड़ पड़ी। सभी उत्साहित विद्यार्थी बीच में आकर गुजराती धुनों पर डांडिया करते हुए झूमने को मजबूर हो गए। इतना ही नहीं, कभी न नाचने वाले लोग भी इस ऊर्जा को देख सभी के साथ सम्मिलित होने को विवश होते दिखाई दिए।
एक सप्ताह पूर्व से ही डांडिया नृत्य सीखने के इच्छुक छात्रों के लिए 'डांडिया वर्कशॉप' का आयोजन किया गया था। बिट्स जनता, खासकर प्रथम वर्षीय छात्रों ने, इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। गुर्जरी के छात्रों ने सभी को प्रशिक्षित करने में काफी मेहनत दिखाई थी। प्रशिक्षित छात्रों ने सीखी गई नृत्य कला का उत्तम प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण गुर्जरी के सदस्यों एवं छात्रों की पारंपरिक वेशभूषा थी।
गुजराती के साथ ही फ़िल्मी गानों का भी प्रबंध किया गया था। डी.जे. पर फ्यूज़न गाने सुनकर मस्ती भरा माहौल बन गया था। अंत में सर्वश्रेष्ठ पोशाक, सर्वश्रेष्ठ नृत्य आदि पुरस्कारों से छात्रों को नवाज़ा गया तथा जयकारों के साथ ही इस अद्भुत संध्या का समापन हुआ।
हिंदी प्रेस परिवार 'गुर्जरी' को उनके सफल आयोजन के लिए बधाई देता है। समस्त बिट्स परिवार को नवरात्रि एवं दशहरे की बहुत-बहुत बधाइयाँ।
17 अक्टूबर, शनिवार को आयोजित 'डांडिया नाइट' में अत्याधिक संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे तथा हर्षोल्लास से इस पर्व को एक दूसरे के संग, परिवार की भाँति मना रहे थे। शुरुआत गरबा-रास से की गयी। पारंपरिक नृत्य 'गरबा' अम्बे माँ के प्रति श्रद्धा पूर्ण समर्पण का प्रतीक है एवं प्रायः परिक्रमा के रूप में किया जाता है। इसके ठीक बाद संघ के द्वारा एक नृत्य कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसने दर्शकों का मन मोह लिया तथा समस्त प्रांगण में हर्ष की लहर दौड़ पड़ी। सभी उत्साहित विद्यार्थी बीच में आकर गुजराती धुनों पर डांडिया करते हुए झूमने को मजबूर हो गए। इतना ही नहीं, कभी न नाचने वाले लोग भी इस ऊर्जा को देख सभी के साथ सम्मिलित होने को विवश होते दिखाई दिए।
एक सप्ताह पूर्व से ही डांडिया नृत्य सीखने के इच्छुक छात्रों के लिए 'डांडिया वर्कशॉप' का आयोजन किया गया था। बिट्स जनता, खासकर प्रथम वर्षीय छात्रों ने, इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। गुर्जरी के छात्रों ने सभी को प्रशिक्षित करने में काफी मेहनत दिखाई थी। प्रशिक्षित छात्रों ने सीखी गई नृत्य कला का उत्तम प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण गुर्जरी के सदस्यों एवं छात्रों की पारंपरिक वेशभूषा थी।
गुजराती के साथ ही फ़िल्मी गानों का भी प्रबंध किया गया था। डी.जे. पर फ्यूज़न गाने सुनकर मस्ती भरा माहौल बन गया था। अंत में सर्वश्रेष्ठ पोशाक, सर्वश्रेष्ठ नृत्य आदि पुरस्कारों से छात्रों को नवाज़ा गया तथा जयकारों के साथ ही इस अद्भुत संध्या का समापन हुआ।
हिंदी प्रेस परिवार 'गुर्जरी' को उनके सफल आयोजन के लिए बधाई देता है। समस्त बिट्स परिवार को नवरात्रि एवं दशहरे की बहुत-बहुत बधाइयाँ।